
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने गैरसैण में आयोजित विधानसभा सत्र की समाप्ति के बाद पत्रकारों से वार्ता करते हुए सदन में हुई सकारात्मक चर्चा को राज्य हित में बताया। उन्होंने यह भी कहा कि विपक्ष के साथी जल्दबाजी नही करते तो सदन और लम्बा चलता।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सदन में कई विधेयकों के साथ अनुपूरक बजट पर चर्चा हुई तथा उन्हें स्वीकृति प्रदान की गई। अनुपूरक बजट, सामान्य बजट की पूर्ति के लिये लाया गया है। राज्य में वित्तीय अनुशासन के साथ राजस्व बढाने तथा खर्चों को कम करने पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। इसके लिए राजस्व प्राप्ति के क्षेत्रों पर विशेष ध्यान दिया जा रहा हैं। ऋण लेने की प्रक्रिया में भी कमी लाई गई है। विकास की दिशा में राज्य का प्रदर्शन भी बेहतर रहा है। नीति आयोग द्वारा जारी सतत विकास लक्ष्यों की प्राप्ति में राज्य द्वारा प्रथम स्थान पर रहना इसका प्रमाण है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारा प्रयास केन्द्र पोषित योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन पर विशेष ध्यान देने का है। राज्यांश कम होने वाली योजनाओं का लाभ प्रदेश वासियों को मिलें इस पर भी ध्यान दिया जा रहा है। उन्होंने कहा राज्य के गेस्ट हाऊसों का बेहतर ढंग से संचालन कर इन्हें आय के संशाधनो से जोडने में मददगार बनाया जा रहा हैं। राज्य की भावी पीढी को बेहतर वित्तीय स्थिति का लाभ मिले इसके लिए हम प्रयासरत है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में युवाओं, खिलाडियों एवं छात्रों के व्यापक हित में अनेक प्रभावी निर्णय लिये गये है। महिला स्वयं सहायता समूहों को बिना ब्याज का ऋण उपलब्ध कर उनकी आर्थिकी मजबूत करने के साथ उन्हें स्वरोजगार से जोडने के लिये योजनायें बनाई गई है। समूहों के उत्पादों के विपणन की कारगर व्यवस्था की गई है। कृषि, बागवानी, मत्स्य, दुग्ध विकास की योजनाओं को रोजगार परक बनाया जा रहा है। जनता के हित से जुडी योजनाओं को धरातल पर उतारा जा रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि भविष्य में राज्य के किसी भी क्षेत्र में बनभूलपुरा जैसी घटना न हो, आपसी भाईचारा व अमन चैन बना रहें तथा दंगा, तोड-फोड के साथ सरकारी व निजी सम्पत्ति का नुकसान न हो इसके लिए लोक तथा निजी सम्पत्ति क्षति वसूली विधेयक को मंजूरी दी गई है। अब सम्पतियों के नुकसान की भरपाई दंगाईयों से ही की जायेगी। उन्होंने कहा कि देवभूमि का प्रत्येक व्यक्ति बांग्लादेश में हिन्दुओं के प्रति हो रही हिंसक घटनाओं के प्रति चिंतित है, उनके प्रति हो रहे इस अन्याय को रोका जाना चाहिए। हिंसक घटनाओं पर प्रभावी रोकथाम हम सबकी मांग है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में अतिवृष्टि के कारण उत्पन्न आपदा की घटनाओं के प्रति हम संवेदनशील है। वे स्वयं राज्य के विभिन्न आपदाग्रस्त क्षेत्रों का स्थलीय निरीक्षण कर स्थिति का जायजा ले रहें है तथा प्रभावितों का दुःख दर्द बांटने में लगे है। पीडितों की हर सम्भव मदद करने का प्रयास निरन्तर जारी है। इसके लिए धन की कमी नही होने दी जायेगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि भराडीसैंण का ग्रीष्मकालीन राजधानी के अनुरूप विकास हमारा लक्ष्य है, इसके लिए शीघ्र उच्च स्तरीय बैठक का भी आयोजन किया जायेगा। भराडीसैण में वर्षभर विभिन्न प्रकार की गतिविधियों के आयोजन के भी प्रयास किये जाने की बात कही साथ ही यहां पर विधानसभा सत्र लम्बें समय तक संचालित किये जाने, अच्छा अस्पताल बनाये जाने, पत्रकारों तथा पुलिस के जवानों के लिये आवास की व्यवस्था सुनिश्चित किये जाने की भी बात मुख्यमंत्री ने कही।
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